हिसार. राजकीय कॉलेज की लापरवाही से बीए मास कम्युनिकेशन के छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से संबद्ध इस कॉलेज में विश्वविद्यालय द्वारा पाठच्यक्रम परिवर्तित किए जाने के बाद भी छात्रों को पुराना सेलेबस ही पढ़ाया गया।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब छात्र परीक्षा देने पंहुचे। आउट ऑफ सिलेबस पेपर देखकर जब कॉलेज प्रबंधन ने विवि अधिकारियों को लिखा तो उन्होंने सारा दोष उन पर ही जड़ दिया। कॉलेज और विवि के बीच सही कम्युनिकेशन न होने के कारण छात्रों के करिअर पर बन आई है।
ये है मामला
गवर्नमेंट कॉलेज में 29 मई को बीए मॉस कम्युनिकेशन के छात्रों की चौथे सेमेस्टर की परीक्षा हुई थी। इस परीक्षा में पेपर का विषय वीडियो ग्राफी इन प्रिंटिंग था, परंतु छात्रों को टेलीविजन प्रोडक्शन का पेपर दे दिया गया। विद्यार्थियों ने अपने असिस्टेंट सुप्रीटेडेंट को इस बारे में अवगत करवाया।
असिस्टेंट सुपरनेट भूपेंद्र सिंह ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को पत्र फैक्स कर दिया। इसके जवाब में विवि ने स्पष्ट तौर पर अपनी गलती मानने से इंकार कर दिया। अधिकारियों का कहना था कि छात्रों को दिया गया टेलीविजन प्रोडक्शन का पेपर सिलेबस के अनुरूप था।
स्टूडेंट्स जिस विषय की बात कर रहे हैं वह आउट ऑफ सिलेबस है। इसलिए यह कॉलेज प्रबंधन की गलती है। इस बारे में जब कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन विभाग से बात की गई तो जवाब मिला कि कार्स का सेलेबस कई दिनों पहले ही परिवर्तित कर दिया गया है।
जहां तक गलत पेपर देने की बात है तो हमने भी सुना है कि किसी कॉलेज से गलत पेपर देने की शिकायत आई है। इसमें विभाग के स्तर कोई गलती नहीं हुई है। इसके लिए तो विश्वविद्यालय का एडमिनिस्ट्रेशन और नेट पर सिलेबस अपडेट करने वाले जिम्मेदार हैं।
एग्जाम से बीस दिन पहले तक नहीं उपलब्ध
गवर्नमेंट कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग के पास पूरे साल मास कम्युनिकेशन का सिलेबस नहीं था। जिस कारण कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की साइट से डाउनलोड किए गए सिलेबस के अनुसार छात्रों को पढ़ाया गया। जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। एग्जाम के बीस दिन पहले कॉलेज, केयूके के कम्युनिकेशन विभाग सिलेबस मांगता रहा। बीस दिन पहले भी केयूके के कम्युनिकेशन विभाग से सिलेबस मांगा गया था। उनके डायरेक्टर ने जवाब दिया कि सिलेबस केयूके की वेबसाइट पर है, उसे डाउनलोड कर लो।
-कुसुम चौहान,एचओडी, मॉस कम्यूनिकेशन गवर्नमेंट कॉलेज
कौन है इसका जिम्मेदार
कॉलेज और विवि दोनों ने अपनी अपनी तर्क दे दिए लेकिन अभी सवाल बना हुआ है कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए जिम्मेदार किसको ठहराया जाए। उस कॉलेज को जिसने पूरे साल विवि से सिलेबस मांगने की जहमत नहीं उठाई और इंटरनेट पर डाले गए सिलेबस के अनुसार पढ़ाता रहा। या केयूके को जिसने सिलेबस न तो अपनी वेबसाइट पर बदला और न ही कॉलेज को सिलेबस बदलने की सूचना दी।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब छात्र परीक्षा देने पंहुचे। आउट ऑफ सिलेबस पेपर देखकर जब कॉलेज प्रबंधन ने विवि अधिकारियों को लिखा तो उन्होंने सारा दोष उन पर ही जड़ दिया। कॉलेज और विवि के बीच सही कम्युनिकेशन न होने के कारण छात्रों के करिअर पर बन आई है।
ये है मामला
गवर्नमेंट कॉलेज में 29 मई को बीए मॉस कम्युनिकेशन के छात्रों की चौथे सेमेस्टर की परीक्षा हुई थी। इस परीक्षा में पेपर का विषय वीडियो ग्राफी इन प्रिंटिंग था, परंतु छात्रों को टेलीविजन प्रोडक्शन का पेपर दे दिया गया। विद्यार्थियों ने अपने असिस्टेंट सुप्रीटेडेंट को इस बारे में अवगत करवाया।
असिस्टेंट सुपरनेट भूपेंद्र सिंह ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को पत्र फैक्स कर दिया। इसके जवाब में विवि ने स्पष्ट तौर पर अपनी गलती मानने से इंकार कर दिया। अधिकारियों का कहना था कि छात्रों को दिया गया टेलीविजन प्रोडक्शन का पेपर सिलेबस के अनुरूप था।
स्टूडेंट्स जिस विषय की बात कर रहे हैं वह आउट ऑफ सिलेबस है। इसलिए यह कॉलेज प्रबंधन की गलती है। इस बारे में जब कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन विभाग से बात की गई तो जवाब मिला कि कार्स का सेलेबस कई दिनों पहले ही परिवर्तित कर दिया गया है।
जहां तक गलत पेपर देने की बात है तो हमने भी सुना है कि किसी कॉलेज से गलत पेपर देने की शिकायत आई है। इसमें विभाग के स्तर कोई गलती नहीं हुई है। इसके लिए तो विश्वविद्यालय का एडमिनिस्ट्रेशन और नेट पर सिलेबस अपडेट करने वाले जिम्मेदार हैं।
एग्जाम से बीस दिन पहले तक नहीं उपलब्ध
गवर्नमेंट कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग के पास पूरे साल मास कम्युनिकेशन का सिलेबस नहीं था। जिस कारण कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की साइट से डाउनलोड किए गए सिलेबस के अनुसार छात्रों को पढ़ाया गया। जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। एग्जाम के बीस दिन पहले कॉलेज, केयूके के कम्युनिकेशन विभाग सिलेबस मांगता रहा। बीस दिन पहले भी केयूके के कम्युनिकेशन विभाग से सिलेबस मांगा गया था। उनके डायरेक्टर ने जवाब दिया कि सिलेबस केयूके की वेबसाइट पर है, उसे डाउनलोड कर लो।
-कुसुम चौहान,एचओडी, मॉस कम्यूनिकेशन गवर्नमेंट कॉलेज
कौन है इसका जिम्मेदार
कॉलेज और विवि दोनों ने अपनी अपनी तर्क दे दिए लेकिन अभी सवाल बना हुआ है कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए जिम्मेदार किसको ठहराया जाए। उस कॉलेज को जिसने पूरे साल विवि से सिलेबस मांगने की जहमत नहीं उठाई और इंटरनेट पर डाले गए सिलेबस के अनुसार पढ़ाता रहा। या केयूके को जिसने सिलेबस न तो अपनी वेबसाइट पर बदला और न ही कॉलेज को सिलेबस बदलने की सूचना दी।
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