यूजी में 1 स्टूडेंट का आवेदन राजस्थान कॉलेज के लिए आया है। पिछले सत्रों के आंकड़ों को देखा जाए, तो सत्र 2009-10 में यूनिवर्सिटी में अलग-अलग देशों के करीब 140 स्टूडेंट्स रहे थे। सत्र 2010-11 में भी यूनिवर्सिटी में यूजी-पीजी के लिए विदेशी स्टूडेंट्स का एडमिशन हुआ था।
आईसीसीआर नहीं देना चाहता स्टूडेंट्स
जहां साल दर साल आरयू में एडमिशन के लिए कटऑफ हाई होती जा रही है, वहीं स्वयं को ए-प्लस एक्रिडिटेशन स्तर की यूनिवर्सिटी मानने वाले इस विश्वविद्यालय को इंडियन काउंसिल फॉर कल्चर एक्सचेंज रिलेशन (आईसीसीआर) विदेशी स्टूडेंट्स के स्टैंडर्ड का ही नहीं मानती। यही कारण है कि काउंसिल के पास सत्र 2012-13 के लिए 20 से ज्यादा विदेशी स्टूडेंट्स होने के बाद भी आरयू को एक भी स्टूडेंट रैफर नहीं किया गया। इसके बदले उन्होंने अन्य यूनिवर्सिटीज को विदेशी स्टूडेंट्स के लायक समझा।
हिंदी में टीचिंग से होती है परेशानी
विदेशी स्टूडेंट्स तो आए हैं, लेकिन राजस्थान यूनिवर्सिटी का स्टैंडर्ड अब वैसा नहीं रहा। हिंदी में टीचिंग होने से बाहरी स्टूडेंट्स को परेशानी होती है। यही कारण है कि हमने पिछले दो वर्षो से आरयू को विदेशी स्टूडेंट्स देना बंद कर दिया है। इस बार भी अन्य यूनिवर्सिटीज को एडमिशन दिए गए हैं।
अनिल पंवार, रीजनल ऑफिसर, आईसीसीआर, जयपुर
इन देशों से आ चुके हैं आवेदन
आईसीसीआर के पास आगामी सत्र के लिए आधा दर्जन से ज्यादा देशों से आवेदन आ चुके हैं। इसमें नीदरलैंड, नेपाल, अफगानिस्तान, थाईलैंड आदि शामिल हैं। काउंसिल के अनुसार आगामी दिनों में स्टूडेंट्स की संख्या और बढ़ेगी।
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