जगदलपुर. बस्तर आईटीआई में आदिवासी छात्रों के लिए शुरू किया गया अंग्रेजी स्टेनोग्राफर प्रशिक्षण मजाक बनकर रह गया है। छह अवसर दिए जाने के बावजूद वर्ष 1982 से अब तक एक भी छात्र स्टेनोग्राफर नहीं बन पाया। संस्था प्रमुख इसके लिए औसत दर्जे के प्रशिक्षणार्थियों और स्टाफ की कमी को जिम्मेदार ठहराते हैं।
बीते तीन दशक में अंग्रेजी स्टेनोग्राफर ट्रेड में 480 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रवेश लिया, लेकिन परीक्षा में लगभग 250 ही शामिल हुए। परीक्षा पास करने के लिए 100 शब्द प्रति मिनट अनिवार्य है, जबकि अधिकतर प्रशिक्षणार्थी आज तक 70 शब्द से ज्यादा नहीं बढ़ पाए। संस्था में स्टेनोग्राफर ट्रेड (हिंदी एवं अंग्रेजी)के लिए 16 सीटें थी, जिसे वर्ष 2008 के बाद बढ़ाकर २१ कर दिया गया। एडमिशन के समय तो सीटें प्राय: हर साल भर जाती हैं, लेकिन परीक्षा के नजदीक आते ही एक तिहाई पलायन कर जाते हैं। कुछ ऐसे भी छात्र हैं जिनका एडमिशन अन्य ट्रेड में नहीं होने पर वे इसका चयन विकल्प के रूप में करते हैं। संभागीय संस्था होने के कारण यहां पर कांकेर, भानुप्रतापपुर, कोंडागांव, गीदम, अंतागढ़ सहित अन्य स्थानों से छात्र आते हैं।
हिंदी स्टेनोग्राफर में सिर्फ दो पास
1982 से शुरू हुए अंग्रेजी और हिंदी स्टेनोग्राफर ट्रेड में जहां अंग्रेजी में एक भी प्रशिक्षणार्थी पास नहीं हुआ। वहीं हिंदी स्टेनोग्राफर में सिर्फ दो छात्र पूरक में सफल हो सके हैं। संस्था में इस ट्रेड के साथ ही 15 ट्रेड और संचालित हो रहे हैं। इनके नतीजे भी बमुश्किल 50 फीसदी तक ही रहते हैं। पद दो, पर नियुक्ति नहीं: बस्तर आईटीआई में प्रशिक्षकों के दो पद स्वीकृत हैं, लेकिन पांच साल से यह पद खाली पड़े हैं। इस कारण पिछले पांच साल से मेहमान प्रशिक्षक ही प्रशिक्षण दे रहा है।
लाखों खर्च के बाद भी केवल प्रशिक्षण लेने तक सिमटे अंग्रेजी स्टेनोग्राफर ट्रेड के प्रशिक्षणार्थी
आंकड़ों में हकीकत
वर्ष प्रवेश परीक्षा दी रिजल्ट 2000 16 13 फेल 2001 16 15 फेल 2002 16 11 फेल 2003 16 15 फेल 2004 14 5 फेल 2005 15 8 फेल 2006 16 6 फेल 2007 16 4 फेल 2008 16 2 फेल 2009 16 5 फेल 2010 19 11 फेल 2011 20 12 फेल नोट-आंकड़े अंग्रेजी स्टेनोग्राफर ट्रेड के
80 लाख से ज्यादा हो चुके हैं खर्च
संस्था के प्राचार्य ने बताया कि स्टेनोग्राफर ट्रेड में कितना खर्च हुआ, इसकी सही जानकारी नहीं है। अनुमान के मुताबिक 80 लाख रुपए से अधिक खर्च हो चुका है। प्रशिक्षणार्थी को १क् से १२ महीने तक हर माह बतौर छात्रवृत्ति 230 से 450 रुपए दिए जाते हैं। इसमें सालाना 30 हजार रुपए खर्च हो रहे हैं। वहीं मेहमान प्रशिक्षक को प्रतिमाह ७६क्क् रुपए दिए जा रहे हैं। साथ ही सभी ट्रेडों के मेंटेनेंस के लिए सालाना ५क्क्क् रुपए शासन से बजट आता है।
बंद करने का प्रस्ताव अटका
30 सालों में एक भी प्रशिक्षणार्थी के पास नहीं होने और छात्रों की कम रुचि के चलते तीन साल पहले इस ट्रेड को बंद कर अन्य पॉपुलर ट्रेडों को शुरू करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया। पर इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ।
टाइमपास के लिए प्रवेश
बस्तर आईटीआई में स्टेनोग्राफर प्रशिक्षण प्राप्त करने में छात्रों की रुचि नहीं है। कुछ लोग यहां केवल टाइमपास करने के लिए प्रवेश ले रहे हैं। केएल बघेल, प्राचार्य एवं संयुक्त संचालक,बस्तर आईटीआई
बीते तीन दशक में अंग्रेजी स्टेनोग्राफर ट्रेड में 480 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रवेश लिया, लेकिन परीक्षा में लगभग 250 ही शामिल हुए। परीक्षा पास करने के लिए 100 शब्द प्रति मिनट अनिवार्य है, जबकि अधिकतर प्रशिक्षणार्थी आज तक 70 शब्द से ज्यादा नहीं बढ़ पाए। संस्था में स्टेनोग्राफर ट्रेड (हिंदी एवं अंग्रेजी)के लिए 16 सीटें थी, जिसे वर्ष 2008 के बाद बढ़ाकर २१ कर दिया गया। एडमिशन के समय तो सीटें प्राय: हर साल भर जाती हैं, लेकिन परीक्षा के नजदीक आते ही एक तिहाई पलायन कर जाते हैं। कुछ ऐसे भी छात्र हैं जिनका एडमिशन अन्य ट्रेड में नहीं होने पर वे इसका चयन विकल्प के रूप में करते हैं। संभागीय संस्था होने के कारण यहां पर कांकेर, भानुप्रतापपुर, कोंडागांव, गीदम, अंतागढ़ सहित अन्य स्थानों से छात्र आते हैं।
हिंदी स्टेनोग्राफर में सिर्फ दो पास
1982 से शुरू हुए अंग्रेजी और हिंदी स्टेनोग्राफर ट्रेड में जहां अंग्रेजी में एक भी प्रशिक्षणार्थी पास नहीं हुआ। वहीं हिंदी स्टेनोग्राफर में सिर्फ दो छात्र पूरक में सफल हो सके हैं। संस्था में इस ट्रेड के साथ ही 15 ट्रेड और संचालित हो रहे हैं। इनके नतीजे भी बमुश्किल 50 फीसदी तक ही रहते हैं। पद दो, पर नियुक्ति नहीं: बस्तर आईटीआई में प्रशिक्षकों के दो पद स्वीकृत हैं, लेकिन पांच साल से यह पद खाली पड़े हैं। इस कारण पिछले पांच साल से मेहमान प्रशिक्षक ही प्रशिक्षण दे रहा है।
लाखों खर्च के बाद भी केवल प्रशिक्षण लेने तक सिमटे अंग्रेजी स्टेनोग्राफर ट्रेड के प्रशिक्षणार्थी
आंकड़ों में हकीकत
वर्ष प्रवेश परीक्षा दी रिजल्ट 2000 16 13 फेल 2001 16 15 फेल 2002 16 11 फेल 2003 16 15 फेल 2004 14 5 फेल 2005 15 8 फेल 2006 16 6 फेल 2007 16 4 फेल 2008 16 2 फेल 2009 16 5 फेल 2010 19 11 फेल 2011 20 12 फेल नोट-आंकड़े अंग्रेजी स्टेनोग्राफर ट्रेड के
80 लाख से ज्यादा हो चुके हैं खर्च
संस्था के प्राचार्य ने बताया कि स्टेनोग्राफर ट्रेड में कितना खर्च हुआ, इसकी सही जानकारी नहीं है। अनुमान के मुताबिक 80 लाख रुपए से अधिक खर्च हो चुका है। प्रशिक्षणार्थी को १क् से १२ महीने तक हर माह बतौर छात्रवृत्ति 230 से 450 रुपए दिए जाते हैं। इसमें सालाना 30 हजार रुपए खर्च हो रहे हैं। वहीं मेहमान प्रशिक्षक को प्रतिमाह ७६क्क् रुपए दिए जा रहे हैं। साथ ही सभी ट्रेडों के मेंटेनेंस के लिए सालाना ५क्क्क् रुपए शासन से बजट आता है।
बंद करने का प्रस्ताव अटका
30 सालों में एक भी प्रशिक्षणार्थी के पास नहीं होने और छात्रों की कम रुचि के चलते तीन साल पहले इस ट्रेड को बंद कर अन्य पॉपुलर ट्रेडों को शुरू करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया। पर इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ।
टाइमपास के लिए प्रवेश
बस्तर आईटीआई में स्टेनोग्राफर प्रशिक्षण प्राप्त करने में छात्रों की रुचि नहीं है। कुछ लोग यहां केवल टाइमपास करने के लिए प्रवेश ले रहे हैं। केएल बघेल, प्राचार्य एवं संयुक्त संचालक,बस्तर आईटीआई
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