नई दिल्ली. सरकार से तनातनी समाप्त करते हुए देश के सभी आईआईटी अपनी शर्तों पर साझा इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के प्रस्ताव पर सहमत हो गए हैं। मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल की गैर-मौजूदगी में आईआईटी की ज्यादातर शर्तों को काउंसिल ने स्वीकार करते हुए बीच का रास्ता निकाला।
सिब्बल की एक मामले में चली कि साझा प्रवेश परीक्षा 2013 से ही होगी। आईआईटी में प्रवेश के लिए छात्रों को जेईई मेन और जेईई एडवांस दो परीक्षाएं देनी होंगी। जेईई-मेन दरअसल एआईईईई जैसा होगा। जबकि जेईई एडवांस का पेपर सेट करने से लेकर पूरी परीक्षा का स्वरूप आईआईटी ही तय करेंगे। इसका ढांचा तय किया जाना बाकी है।
विभिन्न शिक्षा बोर्ड के 20 परसेंटाइल श्रेष्ठ छात्र ही आईआईटी में दाखिला पाने के हकदार होंगे। अब साझा प्रवेश पर एनआईटी और ट्रिपल आईटी की अलग काउंसिल बैठक होगी। एनआईटी व अन्य संस्थानों के लिए एडवांस परीक्षा जरूरी नहीं होगी। यह संस्थान मेन परीक्षा की रैकिंग के आधार पर दाखिले ले सकते हैं। एनआईटी काउंसिल की बैठक 4 जुलाई को बुलाई गई है। जेईई एडवांस परीक्षा जेईई मेन के बाद होगी। इसमें चार हफ्ते का गैप होगा।
जेईई मेन में बैठने वाले छात्रों में से डेढ़ लाख अव्वल अभ्यर्थी, एडवांस परीक्षा के लिए क्वालीफाई करेंगे। काउंसिल बैठक की अध्यक्षता करने के बाद आईआईटी स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष प्रो एमएम शर्मा ने बताया कि आईआईटी में दाखिला जेईई एडवांस के जरिए ही होगा। आईआईटी एडवांस में विभिन्न कटगरी की आल इंडिया रैंक के आधार पर आईआईटी में दाखिला दिया जाएगा। एडवांस परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों को आईआईटी में दाखिला तभी मिलेगा जब वे अपने बोर्ड के टांप 20 परसेंटाइल में शामिल होंगे।
जेईई एडवांस के लिए एक विशेष ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड होगा। एक ज्वांइट इम्पलीमेंटेंशन कमेटी भी होगी। जेएबी और जेआईसी जेईई मेन आयोजित करने वाली बॉडी से भी समन्वय स्थापित करेंगे। एमएम शर्मा ने कहा कि साझा परीक्षा का फार्मूला ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर ही तय हुआ।
काउंसिल बैठक में यह भी तय किया गया कि ज्वाइंट एडमीशन बोर्ड एक समूह का गठन करेगा जो काउंसिल ऑफ बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन के साथ समन्वय स्थापित करेगा। यह समूह प्रतिशत और परसेंटाइल के अप्रोच के बारे में बताएगा। फार्मूले में ज्यादातर बातें वह तय हुई जो आईआईटी सीनेट और फैकल्टी के सदस्य चाहते थे।
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