हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रदेश की डीएड संस्थाओं को जोर का झटका धीरे से लगाने जा रहा है। शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने डीएड संस्थाओं की दी जाने वाली संबद्धता की फीस में 30 हजार रुपये की वृद्धि कर दी है। ऐसे में जहां शिक्षा बोर्ड को सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी होगी, वहीं डीएड संस्थाओं पर यह आर्थिक बोझ गिरेगा।
सूत्र बताते है कि शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने डीएड संस्थाओं को संबंद्धता फीस को 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये सालाना कर दिया है। यह फीस चालू शिक्षा सत्र से ही लागू कर दी गई है। हालांकि इस सत्र की फीस प्रदेश की डीएड संस्थाएं 20 हजार रुपये के हिसाब से जमा करवा चुकी है। लेकिन बोर्ड प्रशासन ने इन संस्थाओं से बकाया राशि वसूलने के लिए पत्र प्रेषित करने शुरू कर दिए है, ताकि नई फीस के हिसाब से ही संबद्धता दी जा सके। फीस वृद्धि के बाद शिक्षा बोर्ड को सालाना डीएड संस्थाओं से संबद्धता फीस से 1 करोड़ 75 लाख रुपये की आमदनी होगी।
बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में 350 डीएड संस्थाएं है और इनमें हजारों छात्र डीएड की तैयारी कर रहे है। संबद्धता फीस में 30 हजार रुपये की बढ़ोतरी किए जाने से शिक्षा बोर्ड को करीबन 1 करोड़ 5 लाख रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी। हां डीएड संस्थाओं पर यह आर्थिक बोझ के रूप में भी देखा जा सकता है। फीस बढ़ोतरी को लेकर शिक्षा बोर्ड के एक उच्चाधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर पुष्टि की है।
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चाकू खरबूजे पर गिरे या खरबूजा चाकू पर, कटना तो खरबूजे को ही है। ठीक यहीं बात शिक्षण संस्थाओं पर भी लागू होती है। भले ही शिक्षा बोर्ड ने संबद्धता फीस डीएड संस्थाओं की बढ़ाई है पर बोझ तो छात्रों पर ही पड़ना है। हालांकि शिक्षा बोर्ड डीएड परीक्षाओं के लिए चारों सेमेस्टर की फीस 2 हजार रुपये निर्धारित की हुई है। सालाना एक हजार रुपये के हिसाब से निर्धारित इस फीस के अलावा डीएड संस्थाएं लगभग 18 हजार वार्षिक फीस भी छात्रों से वसूलती हैं। देखना यह है कि अब संबद्धता फीस बढ़ोतरी के बाद डीएड छात्रों पर कितना बोझ बढ़ाया जाता है।
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