जेबीटी शिक्षकों के लिए प्रमोशन के दरवाजे बंद
कुरुक्षेत्र. प्रदेशभर के जेबीटी शिक्षकों पर सरकार ने कुठाराघात किया है। प्रदेश सरकार ने इनके प्रमोशन के दरवाजे पूरी तरह से बंद कर दिए हैं। जिसके चलते एक जेबीटी शिक्षक जिस पद पर लगा है उसी पद पर रहते हुए सेवानिवृत्त हो जाएगा।
उसे अपने शिक्षण अनुभव का कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। अध्यापक भर्ती बोर्ड की ओर से आठ जून को निकाले गए स्कूल लेक्चरर के पदों के विज्ञापन में दिए गए नियमों से इस बात की पुष्टि हो गई है। जिसमें साफतौर पर लिखा हुआ है कि स्कूल लेक्चरर पद पर केवल उन्हीं शिक्षकों का अनुभव जोड़ा जाएगा, जिन्होंने स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाया हो।
ऐसे में एमए व बीएड करने वाले प्रदेश के हजारों जेबीटी शिक्षकों के सीधे प्रमोशन पाने के अरमानों पर पानी फेर दिया है। जेबीटी शिक्षकों ने सवाल उठाया कि क्या उन्हें प्रमोशन पाने का कोई हक नहीं है? जबकि अन्य सभी विभागों में निकलने वाले ऊंचे ओहदों के पदों पर विभाग के कर्मचारियों का कार्य अनुभव जोड़ा जाता है।
कैसे मिलेगी प्रमोशन : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान विनोद चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार न चाहने पर जेबीटी शिक्षक कैसे आगे बढ़ें। विभाग में निकलने वाले हेडमास्टर के पदों के लिए मिडल स्कूलों में शिक्षण अनुभव जरूरी है। वहीं हेड टीचर के पदों को भी प्रदेश सरकार खत्म कर रही है।
विज्ञापन नहीं मजाक है : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रेस सचिव सूबे सिंह सुजान ने कहा कि योग्य जेबीटी शिक्षकों के प्राथमिक शिक्षा के अनुभव को ही माना जाना चाहिए। ताकि शिक्षकों को अपनी योग्यता के आधार पर प्रमोशन पाने का मौका मिल सके। उन्होंने बताया कि भर्ती बोर्ड के नियम नंबर दो में स्पष्ट रूप से लिखा है कि चार साल का अनुभव स्कूल लेक्चरर का ही माना जाएगा।
अन्य विभागों में नहीं ऐसा
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान विनोद चौहान ने कहा कि योग्यता के आधार पर प्रमोशन मिलना सभी विभागों में होता है। इसके बावजूद समाज को शिक्षा का उजाला दिखाने वाले शिक्षक वर्ग के भविष्य को ही अंधेरे में डाला जा रहा है। उन्होंने सरकार से इस मामले में शुद्धिपत्र निकालकर नियम में परिवर्तन कर मान्यता देने की मांग की।
सरकार का है फैसला
जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने कहा कि शिक्षकों की प्रमोशन किस आधार पर करनी है यह फैसला सरकार करती है। कर्मचारियों को योग्यता के आधार पर प्रमोशन पाने का अधिकार होना चाहिए। सरकार के इस फैसले को लेकर आगे की रणनीति जल्द ही बनाई जाएगी।
उसे अपने शिक्षण अनुभव का कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। अध्यापक भर्ती बोर्ड की ओर से आठ जून को निकाले गए स्कूल लेक्चरर के पदों के विज्ञापन में दिए गए नियमों से इस बात की पुष्टि हो गई है। जिसमें साफतौर पर लिखा हुआ है कि स्कूल लेक्चरर पद पर केवल उन्हीं शिक्षकों का अनुभव जोड़ा जाएगा, जिन्होंने स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाया हो।
ऐसे में एमए व बीएड करने वाले प्रदेश के हजारों जेबीटी शिक्षकों के सीधे प्रमोशन पाने के अरमानों पर पानी फेर दिया है। जेबीटी शिक्षकों ने सवाल उठाया कि क्या उन्हें प्रमोशन पाने का कोई हक नहीं है? जबकि अन्य सभी विभागों में निकलने वाले ऊंचे ओहदों के पदों पर विभाग के कर्मचारियों का कार्य अनुभव जोड़ा जाता है।
कैसे मिलेगी प्रमोशन : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान विनोद चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार न चाहने पर जेबीटी शिक्षक कैसे आगे बढ़ें। विभाग में निकलने वाले हेडमास्टर के पदों के लिए मिडल स्कूलों में शिक्षण अनुभव जरूरी है। वहीं हेड टीचर के पदों को भी प्रदेश सरकार खत्म कर रही है।
विज्ञापन नहीं मजाक है : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रेस सचिव सूबे सिंह सुजान ने कहा कि योग्य जेबीटी शिक्षकों के प्राथमिक शिक्षा के अनुभव को ही माना जाना चाहिए। ताकि शिक्षकों को अपनी योग्यता के आधार पर प्रमोशन पाने का मौका मिल सके। उन्होंने बताया कि भर्ती बोर्ड के नियम नंबर दो में स्पष्ट रूप से लिखा है कि चार साल का अनुभव स्कूल लेक्चरर का ही माना जाएगा।
अन्य विभागों में नहीं ऐसा
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान विनोद चौहान ने कहा कि योग्यता के आधार पर प्रमोशन मिलना सभी विभागों में होता है। इसके बावजूद समाज को शिक्षा का उजाला दिखाने वाले शिक्षक वर्ग के भविष्य को ही अंधेरे में डाला जा रहा है। उन्होंने सरकार से इस मामले में शुद्धिपत्र निकालकर नियम में परिवर्तन कर मान्यता देने की मांग की।
सरकार का है फैसला
जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने कहा कि शिक्षकों की प्रमोशन किस आधार पर करनी है यह फैसला सरकार करती है। कर्मचारियों को योग्यता के आधार पर प्रमोशन पाने का अधिकार होना चाहिए। सरकार के इस फैसले को लेकर आगे की रणनीति जल्द ही बनाई जाएगी।
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