कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ बीबीपुर की महिलाओं द्वारा शुरू किए गए आंदोलन को नई दिशा मिलने का दिन आ गया है। शनिवार को गांव में महापंचायत बुलाई गई है, जिसके लिए हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की 360 खाप पंचायतों को न्योता भेजा गया है। आयोजन की तैयारी को अंतिम रूप देने के लिए शुक्रवार को दिन भर गांव के मोअज्जिज लोगों, महिलाओं और युवाओं के बीच बैठकों का लंबा दौर चला।
महापंचायत के लिए 360 खापों में से प्रत्येक खाप से दस प्रतिनिधि भी महापंचायत में शामिल हुए तो करीब साढ़े तीन हजार चौधरियों के बीबीपुर गांव पहुंचने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त महापंचायत में कुछ बुद्धिजीवियों का भी खापों की कार्यवाही देखने के लिए पहुंचना तय है।
महापंचायत की व्यवस्था का पूरा जिम्मा नौगामा खाप व बीबीपुर के युवकों को दिया गया है। युवकों की अलग-अलग काम के लिए ड्यूटी लगाई गई है। टेंट में तैनात किए गए युवक चौधरियों के लिए हुक्के पानी की व्यवस्था करेंगे जबकि कई युवक भोजन परोसने का काम संभालेंगे। महापंचायत के दौरान चौधरियों के लिए चाय-पानी की व्यवस्था भी की गई है।
मौसम ठंडा रहा तो चौधरियों को चाय दी जाएगी और गर्मी के हालत में नींबू पानी की व्यवस्था होगी। महिलाएं दोपहर के भोजन के लिए दाल रोटी तैयार करेंगी। रोहतक की तरफ से जिन चौधरियों को बीबीपुर पहुंचना है, उन्हें गांव किनाना से बीबीपुर पहुंचना आसान होगा जबकि गोहाना रोड से बीबीपुर पहुंचने वाले लोग शहर में प्रवेश करने की बजाय बाईपास से सीधे भिवानी रोड होकर महापंचायत स्थल पर पहुंच सकते हैं। भिवानी की तरफ से आने वाले लोगों के रास्ते में ही बीबीपुर गांव है।
अब चौधरी अपना फर्ज निभाएं
बीबीपुर की वीरांगनाएं इतिहास रचने की ओर बढ़ गई हैं और महापंचायत अगर कोई फैसला कर लेती है तो कन्या भ्रूण हत्या जैसा कलंक समाज के माथे से हटाया जा सकता है। महिलाओं का कहना है कि वे तो शनिवार को चौधरियों के बीच बैठकर गंगा में जौ बोएंगी, अर्थात पुण्य का काम करने जा रही हैं। आगे चौधरियों की जिम्मेदारी है कि वह इसका कैसा फल लें।
शनिवार को पंचायत ऐसा फैसला सुना दे, जिससे कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लग जाए। गांव की शांतिदेवी कहती है कि आंदोलन को आगे बढ़ाना चौधरियों का काम है। हम पिछले दो साल से अपने स्तर पर कार्यक्रम चला रही हैं, अब चौधरियों का भी तो कोई फर्ज बनता है।
महापंचायत के लिए 360 खापों में से प्रत्येक खाप से दस प्रतिनिधि भी महापंचायत में शामिल हुए तो करीब साढ़े तीन हजार चौधरियों के बीबीपुर गांव पहुंचने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त महापंचायत में कुछ बुद्धिजीवियों का भी खापों की कार्यवाही देखने के लिए पहुंचना तय है।
महापंचायत की व्यवस्था का पूरा जिम्मा नौगामा खाप व बीबीपुर के युवकों को दिया गया है। युवकों की अलग-अलग काम के लिए ड्यूटी लगाई गई है। टेंट में तैनात किए गए युवक चौधरियों के लिए हुक्के पानी की व्यवस्था करेंगे जबकि कई युवक भोजन परोसने का काम संभालेंगे। महापंचायत के दौरान चौधरियों के लिए चाय-पानी की व्यवस्था भी की गई है।
मौसम ठंडा रहा तो चौधरियों को चाय दी जाएगी और गर्मी के हालत में नींबू पानी की व्यवस्था होगी। महिलाएं दोपहर के भोजन के लिए दाल रोटी तैयार करेंगी। रोहतक की तरफ से जिन चौधरियों को बीबीपुर पहुंचना है, उन्हें गांव किनाना से बीबीपुर पहुंचना आसान होगा जबकि गोहाना रोड से बीबीपुर पहुंचने वाले लोग शहर में प्रवेश करने की बजाय बाईपास से सीधे भिवानी रोड होकर महापंचायत स्थल पर पहुंच सकते हैं। भिवानी की तरफ से आने वाले लोगों के रास्ते में ही बीबीपुर गांव है।
अब चौधरी अपना फर्ज निभाएं
बीबीपुर की वीरांगनाएं इतिहास रचने की ओर बढ़ गई हैं और महापंचायत अगर कोई फैसला कर लेती है तो कन्या भ्रूण हत्या जैसा कलंक समाज के माथे से हटाया जा सकता है। महिलाओं का कहना है कि वे तो शनिवार को चौधरियों के बीच बैठकर गंगा में जौ बोएंगी, अर्थात पुण्य का काम करने जा रही हैं। आगे चौधरियों की जिम्मेदारी है कि वह इसका कैसा फल लें।
शनिवार को पंचायत ऐसा फैसला सुना दे, जिससे कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लग जाए। गांव की शांतिदेवी कहती है कि आंदोलन को आगे बढ़ाना चौधरियों का काम है। हम पिछले दो साल से अपने स्तर पर कार्यक्रम चला रही हैं, अब चौधरियों का भी तो कोई फर्ज बनता है।
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