जयपुर.हाईकोर्ट ने थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती (लेवल वन) में सामान्य वर्ग के पदों पर आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर लगी रोक हटा दी, जिनके आरटेट में 60 प्रतिशत से कम अंक थे, लेकिन ये नियुक्तियां याचिका के निर्णय के अधीन रहेंगी। न्यायाधीश एम.एन. भंडारी ने यह अंतरिम आदेश सोमवार को प्रेरणा जोशी की याचिका पर दिया।
अदालत ने 7 जुलाई को आरक्षित वर्ग के आरटेट परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के सामान्य वर्ग में चयन व नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा में समान योग्यता वाले अभ्यर्थियों ने भाग लिया और परीक्षा में 20 प्रतिशत टैट के अंक जोड़े जाते हैं। यदि अधिक अंक लाने और 20 प्रतिशत टैट के अंक लाने पर यदि अभ्यर्थी सामान्य वर्ग में आता है तो उसे नकारा नहीं जा सकता, पूरी नियुक्ति प्रक्रिया नहीं रोकी जाए और रोक हटाई जाए।
अदालत ने सरकार की दलीलों से सहमत होकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में नियुक्ति देने पर लगी रोक हटा दी। गौरतलब है कि याचिका में आरक्षित वर्ग के ऐसे अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में चयन व नियुक्ति को चुनौती दी थी जिनके आरटेट परीक्षा में साठ प्रतिशत से कम अंक थे।
अदालत ने 7 जुलाई को आरक्षित वर्ग के आरटेट परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के सामान्य वर्ग में चयन व नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा में समान योग्यता वाले अभ्यर्थियों ने भाग लिया और परीक्षा में 20 प्रतिशत टैट के अंक जोड़े जाते हैं। यदि अधिक अंक लाने और 20 प्रतिशत टैट के अंक लाने पर यदि अभ्यर्थी सामान्य वर्ग में आता है तो उसे नकारा नहीं जा सकता, पूरी नियुक्ति प्रक्रिया नहीं रोकी जाए और रोक हटाई जाए।
अदालत ने सरकार की दलीलों से सहमत होकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में नियुक्ति देने पर लगी रोक हटा दी। गौरतलब है कि याचिका में आरक्षित वर्ग के ऐसे अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में चयन व नियुक्ति को चुनौती दी थी जिनके आरटेट परीक्षा में साठ प्रतिशत से कम अंक थे।
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