ग्रेफीन को दुनिया का सबसे पतला मटेरियल माना जाता है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने इसकी मदद से लाइट को कैप्चर करने और उसे बिजली में बदलने का ऐसा तरीका विकसित किया है, जिससे हाई स्पीड इंटरनेट और अन्य दूरसंचार प्रणालियों द्वारा संदेशों के आदान-प्रदान का वर्तमान हुलिया ही बदल जाएगा।
क्या है ग्रेफीन :
वास्तव में ग्रेफीन कार्बन का एक रूप है। आणविक संरचना के क्रम में स्टील से यह सिर्फ एक अणु मोटा, लेकिन मजबूती के मामले में 100 गुना अधिक है। मेटेलिक नैनोस्ट्रक्चर के साथ मिलकर ग्रेफीन 20 गुना अधिक बिजली पैदा कर सकेगा।
क्या है तकनीक :
ग्रेफीन के ऊपर दो मेटेलिक वायर रखने और उन पर प्रकाश डालने से वे एक सोलर सेल में तब्दील हो जाते हैं। इस तरह तैयार उपकरण महज 3 फीसदी लाइट ही अब्जार्व कर पाता है, लेकिन हालिया प्रयोगों ने ग्रेफीन के साथ प्लेसमोनिक नैनो स्ट्रक्चर जोड़ने से लाइट कैपचर करने और उसे बिजली में बदलने की प्रक्रिया में 20 गुना तक इजाफा पाया।
आगे क्या :
इंटरनेट समेत अन्य दूरसंचार सेवाओं से जुड़े उपकरणों की स्पीड को 100 गुना तक बढ़ाया जा सकेगा।
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