एच टेट : परीक्षाथिर्यो के सामने होगी री-चेकिंग
भिवानी. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड एच टेट के उन परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करेगा जो अदालत की शरण में गए थे। मजिंद्र और अन्य परीक्षार्थियों ने एच टेट में कुछ विषयों में शून्य अंक आने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शिक्षा बोर्ड को याचिकाकर्ताओं की उपस्थिति में ही पुनर्मूल्यांकन करने के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट के जज सूर्यकांत ने 17 मई को हुई सुनवाई के दौरान इस काम के लिए बोर्ड प्रशासन को एक सप्ताह का समय दिया था। अब फैसले की कॉपी मिलने के बाद बोर्ड ने 28 मई को याचिकाकर्ताओं को उत्तरपुस्तिका चेकिंग के दौरान मौजूद रहने के लिए बोर्ड मुख्यालय बुलाया है।
इसके अलावा ईश्वरी प्रसाद व अन्य बनाम हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड व अन्य के एक मामले में कोर्ट ने शिक्षा बोर्ड प्रशासन को 29 मई को होने वाली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की उत्तरपुस्तिकाएं लेकर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
कोर्ट का कहना है कि इस दौरान देखा जाएगा कि याचिकाकर्ताओं ने उत्तरपुस्तिका में उत्तर भरे हैं या नहीं। इससे पहले परीक्षार्थियों ने यह याचिका लगाई थी कि काफी संख्या में ऐसे परीक्षार्थी हैं, जिन्होंने विकल्प नहीं भरा, इसके बावजूद वे परीक्षा में पास हुए हैं।
परीक्षार्थियों के सवाल और बोर्ड का जवाब
परीक्षार्थियों ने कोर्ट में याचिका लगाई थी कि एच टेट में उनके कुछ विषयों में शून्य अंक क्यों दर्शाए गए हैं, जबकि उनके पेपर बढ़िया हुए थे। इस पर शिक्षा बोर्ड ने जवाब दिया कि जिन परीक्षार्थियों ने उत्तरपुस्तिका में विषयों के विकल्प नहीं भरे, उनके अंक ही शून्य दिखाए गए हैं।
याचिकाकर्ताओं ने जवाब दिया कि उन्होंने कई ऐसे विषयों के विकल्प भी नहीं भरे थे, जिनमें वे अच्छे अंकों से पास हुए हैं। फिर बोर्ड प्रशासन ने किस आधार पर उनके बाकी विषयों में शून्य अंक दर्शाए हैं। हाईकोर्ट ने इस सवाल के बाद शिक्षा बोर्ड को याचिकाकर्ताओं की उपस्थिति में उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट में 17 मई को मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने शिक्षा बोर्ड प्रशासन को सात दिन के अंदर याचिकाकर्ताओं की उपस्थिति में उनकी उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने का आदेश दिया है। अब बोर्ड प्रशासन ने याचिकाकर्ताओं को 28 मई को बुलाया है।
जसबीर मोर, एडवोकेट, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट