ये सावधानियां सेफ बनाती हैं ऑनलाइन ट्रांजेक्शन
देश में इंटरनेट के बढ़ते दायरे के साथ ही ऑनलाइन टांजेक्शन का चलन भी बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। कॉफी हाउस या मूवी के टिकट का पेमेंट करना हो, किताब या कोई छोटा-मोटा गैजेट ही क्यों न लेना हो, लोग ऑनलाइन पेमेंट को ही तरजीह दे रहे हैं। लेकिन, यदि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में सुरक्षा उपायों की मामूली सी भी चूक हुई तो आप हैकरों, ऑनलाइन फ्रॉड या अन्य तरह की धोखाधड़ी के चंगुल में फंस सकते हैं। हालांकि, बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की ओर से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को और सुरक्षित करने के हर रोज नए उपाय भी किए जा रहे हैं।
समय और बदलती तकनीक के साथ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की सुरक्षा को हर रोज पुख्ता किया जा रहा है। जैसेकि, एटीएम से किसी भी निकासी या डेबिट कार्ड से खरीदारी के भुगतान की जानकारी आपको फौरन आपके मोबाइल फोन पर मिल जाती है साथ ही अधिकांश बैंक आपके पैसे और डाटा को फुलप्रुफ सेफ बनाने के लिए कई चरणों में सुरक्षा के इंतजाम किए हुए हैं। दूसरी ओर, इन तमाम उपायों के बावजूद, क्रेडिट कार्ड की डिटेल के जरिए खाताधारक की बैंक संबंधी जानकारियां बहुत आसानी से ब्लैकमार्केट में हासिल हो जा रही हैं। इसलिए, यदि आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से जुड़े कुछ सुरक्षा उपायों पर ध्यान दें, तो आप अपने बैंक डिटेल, पेमेंट व अन्य संवेदनशील जानकारियों को सुरक्षित बना सकते हैं।
मसलन, ऑनलाइन बैंकिंग या अन्य किसी भी तरह की जानकारी के लिए अपने बैंक का डोमेन एड्रेस सीधे ब्राउजर में टाइप करें। किसी भी दूसरे मेल से आए लिंक या अन्य लिंक का इस्तेमाल कतई न करें। आमतौर पर हैकर आपके बैंक की ओर से फर्जी लिंक भेजकर नया अकाउंट देने के नाम पर आपकी बैंक डिटेल हासिल कर लेते हैं। यह जरूर याद रखें कि आपका बैंक कभी भी आपकी संवेदनशील सूचनाएं जैसेकि अकाउंट डिटेल आदि की जानकारी ई-मेल के जरिए नहीं पूछता है।
दोहरी सत्यापन प्रणाली का करें इस्तेमाल
ऑनलाइन भुगतान के लिए हमेशा दोहरी सत्यापन प्रणाली सुनिश्चित कर लें। यदि किसी ने आपका अकाउंट हैक कर लिया और आपका नेट बैंकिंग आईडी व पासवर्ड हासिल कर लेता है, तो वह इसका आसानी से दुरुपयोग कर सकता है। ग्राहकों को इस परेशानी से बचाने और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को सुरक्षित बनाने के लिए कई बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडरों ने दोहरी सत्यापन प्रणाली (टू-वे अथेन्टिकेशन सिस्टम) लागू की है। नेट बैंकिंग का इस्तेमाल या ऑनलाइन पेमेंट के लिए बैंकों की दोहरी सत्यापन प्रणाली जरूर सुनिश्चित कर लेनी चाहिए।
वन टाइम पासवर्ड बेहतर औजार
अधिकांश स्टॉक ट्रेडिंग वेबसाइट अपने ग्राहकों को स्मॉल इलेक्ट्रानिक टोकन उपलब्ध कराते हैं, जो वन-टाइम पासवर्ड जेनरेट करता है। ट्रेडिंग शुरू करने के लिए ग्राहक को यूजरनेम, पासवर्ड के साथ-साथ वन-टाइम पासवर्ड भी देना होता है। कॉरपोरेट नेटवर्क, ऑनलाइन बैंक अकाउंट्स और संवेदनशील डाटा रखने वाले अन्य दूसरे सिस्टम को बेहतर सुरक्षा देने के लिए वन-टाइम पासवर्ड एक बेहतर औजार है।
सुनिश्चित करें वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं
किसी भी वेबसाइट के वेबपेज पर अपनी निजी जानकारियां उपलब्ध कराने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वह वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं। कोई भी वेबपेज जो आपकी संवेदनशील जानकारियां मांगे, उसे 'https' पेज होना चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि आपके कंप्यूटर से बैंक सर्वर को भेजी गई सूचनाएं ‘गार्बल्ड फॉर्म’ (अस्पष्ट रूप) में है। इसलिए, आपका अकाउंट या आपकी संवेदनशील सूचनाओं को हैक करना किसी हैकर के लिए मुमकिन नहीं है। याद रखें, बिना 'https' वेबपेज पर आप अपना यूजर नेम, पासवर्ड या अकाउंट डिटेल की कोई भी जानकारी न दें।
ऑनलाइन भुगतान के लिए हमेशा दोहरी सत्यापन प्रणाली सुनिश्चित कर लें। यदि किसी ने आपका अकाउंट हैक कर लिया और आपका नेट बैंकिंग आईडी व पासवर्ड हासिल कर लेता है, तो वह इसका आसानी से दुरुपयोग कर सकता है। ग्राहकों को इस परेशानी से बचाने और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को सुरक्षित बनाने के लिए कई बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडरों ने दोहरी सत्यापन प्रणाली (टू-वे अथेन्टिकेशन सिस्टम) लागू की है। नेट बैंकिंग का इस्तेमाल या ऑनलाइन पेमेंट के लिए बैंकों की दोहरी सत्यापन प्रणाली जरूर सुनिश्चित कर लेनी चाहिए।
वन टाइम पासवर्ड बेहतर औजार
अधिकांश स्टॉक ट्रेडिंग वेबसाइट अपने ग्राहकों को स्मॉल इलेक्ट्रानिक टोकन उपलब्ध कराते हैं, जो वन-टाइम पासवर्ड जेनरेट करता है। ट्रेडिंग शुरू करने के लिए ग्राहक को यूजरनेम, पासवर्ड के साथ-साथ वन-टाइम पासवर्ड भी देना होता है। कॉरपोरेट नेटवर्क, ऑनलाइन बैंक अकाउंट्स और संवेदनशील डाटा रखने वाले अन्य दूसरे सिस्टम को बेहतर सुरक्षा देने के लिए वन-टाइम पासवर्ड एक बेहतर औजार है।
सुनिश्चित करें वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं
किसी भी वेबसाइट के वेबपेज पर अपनी निजी जानकारियां उपलब्ध कराने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वह वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं। कोई भी वेबपेज जो आपकी संवेदनशील जानकारियां मांगे, उसे 'https' पेज होना चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि आपके कंप्यूटर से बैंक सर्वर को भेजी गई सूचनाएं ‘गार्बल्ड फॉर्म’ (अस्पष्ट रूप) में है। इसलिए, आपका अकाउंट या आपकी संवेदनशील सूचनाओं को हैक करना किसी हैकर के लिए मुमकिन नहीं है। याद रखें, बिना 'https' वेबपेज पर आप अपना यूजर नेम, पासवर्ड या अकाउंट डिटेल की कोई भी जानकारी न दें।