शिमला. टीजीटी आर्ट्स, मेडिकल और नॉन मेडिकल की भर्ती और पदोन्नति पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश कुरियन जोसेफ और न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी की खंडपीठ ने शिक्षा सचिव को आदेश दिए हैं कि वह न्यायालय में स्पष्ट करें कि जो भर्ती की जा रही है, क्या वह इन पदों के लिए बनाए गए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुरूप है।
इसके अलावा अदालत ने अपने आदेशों में यह स्पष्ट किया कि बिना सामान्य प्रकिया को अपनाए इन पदों पर भर्ती राज्य सरकार की ओर से आखिर किस तरीके से की जा सकती है। न्यायालय ने राज्य सरकार को दो हफ्ते में अपना पक्ष रखने के आदेश दिए हैं।
शिक्षा विभाग में टीजीटी आर्ट्स, मेडिकल और नॉन मेडिकल पदों को भरने के लिए टीईटी (टेट) परीक्षा का आयोजन किया था। इस परीक्षा का परिणाम घोषित करने के बाद 27 जून को जारी अधिसूचना के तहत मेरिट के आधार पर पदों को सीधे तौर पर काउंसलिंग के बाद भरने का प्रावधान बनाया था।
इसलिए दी थी चुनौती
सरकार के फैसले को याचिका के माध्यम से यह कहकर चुनौती दी गई है कि टेट मात्र किसी उम्मीदवार की योग्यता को आंकने का माध्यम है। भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत इस परीक्षा के बाद टीजीटी की परीक्षा का आयोजन किया जाना अति आवश्यक है। टेट की परीक्षा में प्राप्त मेरिट के आधार पर नियुक्ति दी जानी भर्ती एवं पदोन्नति नियमों का सरासर उल्लंघन है। प्रार्थी ने 27 जून की अधिसूचना को रद्द करने की गुहार लगाई है। इसके अतिरिक्त प्रार्थी ने राज्य सरकार को यह निर्देश देने की भी मांग की है कि टेट परीक्षा के बाद टीजीटी परीक्षा का आयोजन किया जाए, उसके बाद इन पदों पर नियुक्तियां की जाएं।
इसके अलावा अदालत ने अपने आदेशों में यह स्पष्ट किया कि बिना सामान्य प्रकिया को अपनाए इन पदों पर भर्ती राज्य सरकार की ओर से आखिर किस तरीके से की जा सकती है। न्यायालय ने राज्य सरकार को दो हफ्ते में अपना पक्ष रखने के आदेश दिए हैं।
शिक्षा विभाग में टीजीटी आर्ट्स, मेडिकल और नॉन मेडिकल पदों को भरने के लिए टीईटी (टेट) परीक्षा का आयोजन किया था। इस परीक्षा का परिणाम घोषित करने के बाद 27 जून को जारी अधिसूचना के तहत मेरिट के आधार पर पदों को सीधे तौर पर काउंसलिंग के बाद भरने का प्रावधान बनाया था।
इसलिए दी थी चुनौती
सरकार के फैसले को याचिका के माध्यम से यह कहकर चुनौती दी गई है कि टेट मात्र किसी उम्मीदवार की योग्यता को आंकने का माध्यम है। भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत इस परीक्षा के बाद टीजीटी की परीक्षा का आयोजन किया जाना अति आवश्यक है। टेट की परीक्षा में प्राप्त मेरिट के आधार पर नियुक्ति दी जानी भर्ती एवं पदोन्नति नियमों का सरासर उल्लंघन है। प्रार्थी ने 27 जून की अधिसूचना को रद्द करने की गुहार लगाई है। इसके अतिरिक्त प्रार्थी ने राज्य सरकार को यह निर्देश देने की भी मांग की है कि टेट परीक्षा के बाद टीजीटी परीक्षा का आयोजन किया जाए, उसके बाद इन पदों पर नियुक्तियां की जाएं।
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