उत्तर प्रदेश के लाखों राज्यकर्मचारियों को डीए के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। प्रदेश सरकार उन्हें जुलाई के बाद डीए देने की तैयारी में है। वित्त विभाग ने राज्य कर्मचारियों को अगस्त माह से डीए की किस्त देने व इससे पहले के डीए की राशि जीपीएफ खाते में जमा किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया है। कर्मचारियों को अगस्त के वेतन में डीए राशि जुड़कर सितंबर में मिल सकती है।
खास बात यह है कि छमाही बीतने को है लेकिन राज्य कर्मचारियों को डीए की किस्त मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। अमुमन जनवरी 2012 से देय डीए की यह किस्त जून-जुलाई में मिल जाती रही है। इसके बाद राज्य कर्मचारी जुलाई से मिलने वाली दूसरी छमाही की किस्त के हकदार हो जाते हैं। स्थिति यह है कि प्रदेश सरकार जनवरी से देय डीए अभी देने में खुद को मुश्किल में पा रही है। केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार को इस बार कर्मचारियों को सात प्रतिशत डीए देना है। इस तरह महंगाई भत्ते की मासिक किस्त की राशि मूल वेतन का 65 प्रतिशत होगी।
वैसे प्रदेश सरकार ने डीए का काफी बड़ा हिस्सा अपनी प्राथमिकता वाली योजनाओं के लिए रखा हुआ है। हालांकि उसने राज्यकर्मियों के लिए बजट में 56, 089.06 करोड़ रखे हैं जो वर्ष 2011-12 की तुलना में बीस प्रतिशत अधिक है। यह रराश कर्मचारियों के लिए वेतन, एरियर व पेंशन आदि मद के लिए रखे गए हैं। असल में सरकार को कर्मचारियों व सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों को वेतन व बकाया के भुगतान में दिक्कतें आयीं थीं। सूत्र बताते हैं कि इस बार डीए देने में राज्य सरकार को 1200 करोड़ रुपए खर्च करने हैं।
खास बात यह है कि छमाही बीतने को है लेकिन राज्य कर्मचारियों को डीए की किस्त मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। अमुमन जनवरी 2012 से देय डीए की यह किस्त जून-जुलाई में मिल जाती रही है। इसके बाद राज्य कर्मचारी जुलाई से मिलने वाली दूसरी छमाही की किस्त के हकदार हो जाते हैं। स्थिति यह है कि प्रदेश सरकार जनवरी से देय डीए अभी देने में खुद को मुश्किल में पा रही है। केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार को इस बार कर्मचारियों को सात प्रतिशत डीए देना है। इस तरह महंगाई भत्ते की मासिक किस्त की राशि मूल वेतन का 65 प्रतिशत होगी।
वैसे प्रदेश सरकार ने डीए का काफी बड़ा हिस्सा अपनी प्राथमिकता वाली योजनाओं के लिए रखा हुआ है। हालांकि उसने राज्यकर्मियों के लिए बजट में 56, 089.06 करोड़ रखे हैं जो वर्ष 2011-12 की तुलना में बीस प्रतिशत अधिक है। यह रराश कर्मचारियों के लिए वेतन, एरियर व पेंशन आदि मद के लिए रखे गए हैं। असल में सरकार को कर्मचारियों व सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों को वेतन व बकाया के भुगतान में दिक्कतें आयीं थीं। सूत्र बताते हैं कि इस बार डीए देने में राज्य सरकार को 1200 करोड़ रुपए खर्च करने हैं।