बीसीए में फेल हो गए 56 फीसदी विद्यार्थी
चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) से संबद्ध कालेजों में इस साल भी बीसीए का परिणाम चौंकाने वाला रहा। बीसीए के पहले वर्ष में करीब 56 फीसदी विद्यार्थी फेल हो गए और पहले वर्ष का पास प्रतिशत 43.81 रहा। यह हाल तब है, जब पिछले साल बीसीए के पहले वर्ष में दाखिले के समय सभी कालेजों में कट ऑफ अधिक थे।
12वीं में 80 से 85 फीसदी अंक हासिल करने वाले कई विद्यार्थी भी बीसीए में फेल हो गए, जबकि कई कालेजों में तो पूरी क्लास में सिर्फ 5-6 बच्चे ही पास हुए हैं। हालांकि, पीयू की ओर से पिछले साल से 12वीं में कंप्यूटर साइंस में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पांच प्रतिशत की वेटेज दिया जा रहा है, इसके बावजूद परिणाम में सुधार नहीं आया।
पास प्रतिशत में गिरावट
अप्रैल में हुई बीसीए के पहले वर्ष की परीक्षा में 3600 विद्यार्थी बैठे थे, जिनमें 1577 विद्यार्थी ही पास हो पाए। 1167 विद्यार्थी फेल हो गए, जबकि 849 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है। यह लगातार चौथा साल है, जब बीसीए का परिणाम खराब रहा है। पिछले साल की तुलना में इस साल पास प्रतिशत में और गिरावट आई है। पिछले साल पास प्रतिशत 49.04 था, जबकि इस साल यह महज 43.81 फीसदी ही रहा।
दूसरे और तीसरे वर्ष में बढ़ता है रिजल्ट
बीसीए में दाखिले के लिए हर साल काफी मारामारी होती है। पीयू से संबद्ध लगभग 25 कालेजों में बीसीए की पढ़ाई होती है और सीटों की तुलना में हर साल कई गुणा अधिक आवेदन आते हैं। बीसीए के सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स होने के कारण इसकी फीस लगभग 25 हजार रुपये है। इसके बाद भी बीसीए के पहले वर्ष में विद्यार्थी फेल हो जाते हैं। बीसीए के पहले वर्ष का पास प्रतिशत जहां 50 फीसदी से कम रहता है, वहीं बीसीए के दूसरे और तीसरे वर्ष में पास प्रतिशत काफी बढ़ जाता है। इस साल दूसरे वर्ष का पास प्रतिशत 83.72 और तीसरे वर्ष का 86.69 है।
‘मैथ्स और सी लैंग्वेज कठिन’
पीजी गवर्नमेंट कालेज सेक्टर-11 के प्रिंसिपल डॉ. जेएस रघु ने कहा कि बीसीए के पहले वर्ष में आर्ट्स और वोकेशनल के विद्यार्थी भी दाखिला ले लेते हैं। 12वीं में उनके नंबर भी काफी होते हैं, लेकिन वह पहले वर्ष में चल नहीं पाते। कालेज के एक अन्य शिक्षक ने कहा कि बीसीए में विद्यार्थी मैथ्स और सी लैंग्वेज के पेपर में फेल होते हैं। 12वीं में जिन विद्यार्थियों ने साइंस पढ़ी होती है वे तो इन विषयों में पास हो जाते हैं, लेकिन आर्ट्स के विद्यार्थी इन विषयों में फेल हो जाते हैं।
पास प्रतिशत
वर्ष 2012 2011 2010 2009
पास प्रतिशत 43.81 49.04 33.85 36.65
विद्यार्थी बैठे 3600 3739 3882 4177
फेल 1167 1049 1506 1265
पुनर्मूल्यांकन में पास होते हैं विद्यार्थी
बीसीए के पहले वर्ष में फेल कई विद्यार्थी पुनर्मूल्यांकन में पास हो जाते हैं। पिछले सालों में पीयू में बीसीए के जिन विद्यार्थियों ने पुनर्मूल्यांकन कराई, उनमें कई पास हो गए। बीसीए में जिन विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आती है, उनमें भी अधिकतर विद्यार्थी सितंबर में कंपार्टमेंट क्लीयर कर लेते हैं।
12वीं में 80 से 85 फीसदी अंक हासिल करने वाले कई विद्यार्थी भी बीसीए में फेल हो गए, जबकि कई कालेजों में तो पूरी क्लास में सिर्फ 5-6 बच्चे ही पास हुए हैं। हालांकि, पीयू की ओर से पिछले साल से 12वीं में कंप्यूटर साइंस में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पांच प्रतिशत की वेटेज दिया जा रहा है, इसके बावजूद परिणाम में सुधार नहीं आया।
पास प्रतिशत में गिरावट
अप्रैल में हुई बीसीए के पहले वर्ष की परीक्षा में 3600 विद्यार्थी बैठे थे, जिनमें 1577 विद्यार्थी ही पास हो पाए। 1167 विद्यार्थी फेल हो गए, जबकि 849 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है। यह लगातार चौथा साल है, जब बीसीए का परिणाम खराब रहा है। पिछले साल की तुलना में इस साल पास प्रतिशत में और गिरावट आई है। पिछले साल पास प्रतिशत 49.04 था, जबकि इस साल यह महज 43.81 फीसदी ही रहा।
दूसरे और तीसरे वर्ष में बढ़ता है रिजल्ट
बीसीए में दाखिले के लिए हर साल काफी मारामारी होती है। पीयू से संबद्ध लगभग 25 कालेजों में बीसीए की पढ़ाई होती है और सीटों की तुलना में हर साल कई गुणा अधिक आवेदन आते हैं। बीसीए के सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स होने के कारण इसकी फीस लगभग 25 हजार रुपये है। इसके बाद भी बीसीए के पहले वर्ष में विद्यार्थी फेल हो जाते हैं। बीसीए के पहले वर्ष का पास प्रतिशत जहां 50 फीसदी से कम रहता है, वहीं बीसीए के दूसरे और तीसरे वर्ष में पास प्रतिशत काफी बढ़ जाता है। इस साल दूसरे वर्ष का पास प्रतिशत 83.72 और तीसरे वर्ष का 86.69 है।
‘मैथ्स और सी लैंग्वेज कठिन’
पीजी गवर्नमेंट कालेज सेक्टर-11 के प्रिंसिपल डॉ. जेएस रघु ने कहा कि बीसीए के पहले वर्ष में आर्ट्स और वोकेशनल के विद्यार्थी भी दाखिला ले लेते हैं। 12वीं में उनके नंबर भी काफी होते हैं, लेकिन वह पहले वर्ष में चल नहीं पाते। कालेज के एक अन्य शिक्षक ने कहा कि बीसीए में विद्यार्थी मैथ्स और सी लैंग्वेज के पेपर में फेल होते हैं। 12वीं में जिन विद्यार्थियों ने साइंस पढ़ी होती है वे तो इन विषयों में पास हो जाते हैं, लेकिन आर्ट्स के विद्यार्थी इन विषयों में फेल हो जाते हैं।
पास प्रतिशत
वर्ष 2012 2011 2010 2009
पास प्रतिशत 43.81 49.04 33.85 36.65
विद्यार्थी बैठे 3600 3739 3882 4177
फेल 1167 1049 1506 1265
पुनर्मूल्यांकन में पास होते हैं विद्यार्थी
बीसीए के पहले वर्ष में फेल कई विद्यार्थी पुनर्मूल्यांकन में पास हो जाते हैं। पिछले सालों में पीयू में बीसीए के जिन विद्यार्थियों ने पुनर्मूल्यांकन कराई, उनमें कई पास हो गए। बीसीए में जिन विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आती है, उनमें भी अधिकतर विद्यार्थी सितंबर में कंपार्टमेंट क्लीयर कर लेते हैं।