जम्मू. मात्र 10 माह पूर्व शुरू हुई सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ जम्मू की साख को तगड़ा बट्टा लगा है। यूनिवर्सिटी ने इस अकादमिक सत्र से जो 12 नये कोर्स शुरू करने थे उनमें से छह को खराब रिस्पांस के कारण फिलहाल रद्द करना पड़ा है। यूनिवर्सिटी की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर जानकारी दी गई है कि एडमिशन को लेकर स्टूडेंट्स की ओर से रिस्पांस न मिलने के कारण इस वर्ष छह कोर्स शुरू नहीं हो पाएंगे।
रद्द होने वाले कोर्सेज में एमए कम्युनिकेशन मैनेजमेंट एंड एडवर्टाइजिंग, एमए डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज, एमए इंटरनेशनल रिलेशंस, एमए फिलॉस्फी, एमए पब्लिक पॉलिसी एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन व एमए सोशल वर्क शामिल हैं। जो कोर्स शुरू होंगे उनमें एमए कंप्यूटर ल्रिटेचर, एमएससी कंप्यूटर साइंस, एमएससी इंवायरनमेंट साइंस, एमबीए ट्रेवल एंड टूरिज्म, एमबीए एचआरएम व एमएड शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार कोर्स शुरू न हो पाने के कारण यूनिवर्सिटी प्रशासन की खिल्ली उड़ रही है। इससे वाइस चांसलर डॉ एसएस बलोरिया व ओएसडी (प्रशासनिक) डॉ पीएस पठानिया की कार्यक्षमता पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है। सब जानना चाहते हैं कि उम्दा कोर्सेज होने के बावजूद स्टूडेंट्स एडमिशन लेने क्यों नहीं आए। सूत्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी उच्चाधिकारियों ने पर्याप्त रूप से लोगों को नये कोर्स शुरू करने की जानकारी ही नहीं दी।
इसी कारण स्टूडेंट्स आवेदन ही नहीं कर पाए। जो कोर्स शुरू होने जा रहे हैं उनमें भी अधिकतर बाहरी राज्यों के स्टूडेंट्स शामिल हैं। जो कोर्स रद्द किए गए हैं वो सभी बेहतरीन हैं। बावजूद इसके स्टूडेंट्स ने उनमें दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इससे यूनिवर्सिटी का अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। बताते चलें कि पिछले वर्ष अगस्त में यूनिवर्सिटी ने तीन कोर्सेज के साथ कामकाज शुरू किया था।
रद्द होने वाले कोर्सेज में एमए कम्युनिकेशन मैनेजमेंट एंड एडवर्टाइजिंग, एमए डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज, एमए इंटरनेशनल रिलेशंस, एमए फिलॉस्फी, एमए पब्लिक पॉलिसी एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन व एमए सोशल वर्क शामिल हैं। जो कोर्स शुरू होंगे उनमें एमए कंप्यूटर ल्रिटेचर, एमएससी कंप्यूटर साइंस, एमएससी इंवायरनमेंट साइंस, एमबीए ट्रेवल एंड टूरिज्म, एमबीए एचआरएम व एमएड शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार कोर्स शुरू न हो पाने के कारण यूनिवर्सिटी प्रशासन की खिल्ली उड़ रही है। इससे वाइस चांसलर डॉ एसएस बलोरिया व ओएसडी (प्रशासनिक) डॉ पीएस पठानिया की कार्यक्षमता पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है। सब जानना चाहते हैं कि उम्दा कोर्सेज होने के बावजूद स्टूडेंट्स एडमिशन लेने क्यों नहीं आए। सूत्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी उच्चाधिकारियों ने पर्याप्त रूप से लोगों को नये कोर्स शुरू करने की जानकारी ही नहीं दी।
इसी कारण स्टूडेंट्स आवेदन ही नहीं कर पाए। जो कोर्स शुरू होने जा रहे हैं उनमें भी अधिकतर बाहरी राज्यों के स्टूडेंट्स शामिल हैं। जो कोर्स रद्द किए गए हैं वो सभी बेहतरीन हैं। बावजूद इसके स्टूडेंट्स ने उनमें दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इससे यूनिवर्सिटी का अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। बताते चलें कि पिछले वर्ष अगस्त में यूनिवर्सिटी ने तीन कोर्सेज के साथ कामकाज शुरू किया था।
Complete Guide