1 जुलाई से बदल जाएगा टीवी देखने का अंदाज, नहीं बढ़ेगी समय सीमा
नई दिल्ली. देश में केबल टीवी के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया एक जुलाई से आगे नहीं बढ़ेगी। शुक्रवार को मंत्रालय की पहल पर प्रसारण क्षेत्र से जुड़े चैनलों के प्रतिनिधियों और इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन जैसे चैनलों की प्रतिनिधि संस्थाओं के साथ सूचना-प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी की एक बैठक नई दिल्ली में हुई जिसमें चारों मेट्रो शहरों से आए बड़े -छोटे केबल ऑपरेटर भी शामिल हुए। मंत्रालय ने फिलहाल इंकार किया है कि उचित तैयारियों की कमी की वजह से इस साल 1 जुलाई से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में केबल डिजिटलीकरण की प्रक्रिया की तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है।
पिछले कुछ दिनों से अफवाह थी कि सेट टॉप बॉक्स की कमी और अन्य संबंधित समस्याओं की वजह से केबल ऑपरेटरों की तैयारी पूरी नहीं हुई है, इसलिए 1 जुलाई की डेडलाइन को मानना संभव नहीं है। बैठक में उपस्थित मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आगामी 15 जून को मंत्रालय द्वारा डिजिटलीकरण पर टास्कफोर्स की विशेष बैठक में समस्याओं पर चर्चा होगी और उन्हें निपटाया जाएगा। बैठक में अंबिका सोनी ने कहा कि मनोरंजन उद्योग आर्थिक मंदी की आशंकाओं के बीच भी तेजी से बढ़ रहा है। सरकार हर संभव कोशिश करेगी कि विकास की गति अवरुद्ध न हो पाए। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटलीकरण से संबंधित कानून को पारित करने के लिए संसद में हर राजनीतिक दल का समर्थन मिला था, लिहाजा इसके टलने का सवाल ही नहीं उठता।
डिजिटलीकरण के फायदे
केबल टीवी पहले के मुकाबले बिल्कुल साफ दिखेगा। लगभग वैसा ही जैसा डीटीएच पर दिखता है। केबल टीवी पर उपलब्ध सभी चैनल एक जैसे साफ दिखेंगे। मौजूदा स्थिति में टीवी पर शुरू में दिखने वाले चैनल ही साफ दिखते हैं। डिजिटलीकरण के बाद केबल ऑपरेटरों के उपकरण बदलने की वजह से बार बार केबल जाने की संभावना कम हो जाएगी। चैनल मालिकों को कैरिज फीस से मुक्ति मिल सकेगी क्योंकि अभी तक केबल ऑपरेटर किसी खास चैनल को प्रमुखता से दिखाने के लिए संबंधित चैनल से पैसे लेते हैं जिन्हें कैरिज फीस कहा जाता है।
पिछले कुछ दिनों से अफवाह थी कि सेट टॉप बॉक्स की कमी और अन्य संबंधित समस्याओं की वजह से केबल ऑपरेटरों की तैयारी पूरी नहीं हुई है, इसलिए 1 जुलाई की डेडलाइन को मानना संभव नहीं है। बैठक में उपस्थित मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आगामी 15 जून को मंत्रालय द्वारा डिजिटलीकरण पर टास्कफोर्स की विशेष बैठक में समस्याओं पर चर्चा होगी और उन्हें निपटाया जाएगा। बैठक में अंबिका सोनी ने कहा कि मनोरंजन उद्योग आर्थिक मंदी की आशंकाओं के बीच भी तेजी से बढ़ रहा है। सरकार हर संभव कोशिश करेगी कि विकास की गति अवरुद्ध न हो पाए। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटलीकरण से संबंधित कानून को पारित करने के लिए संसद में हर राजनीतिक दल का समर्थन मिला था, लिहाजा इसके टलने का सवाल ही नहीं उठता।
डिजिटलीकरण के फायदे
केबल टीवी पहले के मुकाबले बिल्कुल साफ दिखेगा। लगभग वैसा ही जैसा डीटीएच पर दिखता है। केबल टीवी पर उपलब्ध सभी चैनल एक जैसे साफ दिखेंगे। मौजूदा स्थिति में टीवी पर शुरू में दिखने वाले चैनल ही साफ दिखते हैं। डिजिटलीकरण के बाद केबल ऑपरेटरों के उपकरण बदलने की वजह से बार बार केबल जाने की संभावना कम हो जाएगी। चैनल मालिकों को कैरिज फीस से मुक्ति मिल सकेगी क्योंकि अभी तक केबल ऑपरेटर किसी खास चैनल को प्रमुखता से दिखाने के लिए संबंधित चैनल से पैसे लेते हैं जिन्हें कैरिज फीस कहा जाता है।