विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अब केवल
उच्च शिक्षण संस्थानों तथा मेधावियों को केवल फंड नहीं उपलब्ध कराएगा। अब
वह युवकों को नौकरी दिलाने में भी मदद करेगा। इसके लिए आयोग ने ‘अकादमी
रोजगार पोर्टल’ खोला है।
इस पर रजिस्ट्रेशन कराके अभ्यर्थी शिक्षा क्षेत्र में हर तरह की नौकरी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के अलावा आवेदन भी कर सकेंगे। हालांकि फिलहाल नेट, जेआरएफ तथा पीएचडी/डीफिल करने वाले ही इसका लाभ उठा पाएंगे। जेआरएफ, नेट क्वालीफाइड तथा पीएचडी करने वालों की बड़ी संख्या रोजगार की तलाश में भटक रही है। इसके मद्देनजर यूजीसी के इस पहल को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पोर्टल पर यूजीसी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सीएसआईआर आदि संस्थानों के रिसर्च प्रोजेक्ट तथा अन्य योजनाओं की जानकारी तो होगी ही, इसकी मदद से प्रतियोगी शिक्षण तथा रिसर्च इंस्टीट्यूट में नौकरी के अवसरों के बारे में भी सूचनाएं प्राप्त कर सकेंगे। इतना ही नहीं योग्य युवाओं के लिए नियोक्ता संस्थानों को भी नहीं भटकना पड़ेगा। चूंकि रजिस्ट्रेशन कराने वाले युवाओं का बायोडाटा भी इस पर ऑनलाइन हो जाएगा। इसकी मदद से संस्थान भी योग्य अभ्यर्थी की तलाश कर सकेंगे। यूजीसी की ओर से इलाहाबाद विश्वविद्यालय समेत अन्य विश्वविद्यालयों, तकनीकी संस्थानों तथा उच्च शिक्षा से जुड़े विभाग प्रमुखों को भी पत्र भी भेजा गया है तथा उनसे नौकरी संबंधी जानकारी इस पोर्टल पर डालने की अपील की गई है। नौकरी की तलाश में भटक रहे हजारों मेधावी देश में हर साल 20 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं नेट क्वालीफाई करते हैं। इस साल की जून की परीक्षा में तो 40 हजार अभ्यर्थियों को नेट क्वालीफाई कराया गया है। जेआरएफ के लिए सफल अभ्यर्थियों की संख्या भी छह हजार से अधिक है लेकिन आलम यह है कि इन्हें कहीं नौकरी मिलना तो पीएचडी पाठ्यक्रम में दाखिला तक नहीं मिल पाता। अकेले इलाहाबाद में ही 100 से अधिक जेआरएफ हैं जिन्हें समय रहते पीएचडी में प्रवेश नहीं मिलने के कारण फेलोशिप तक से हाथ धोना पड़ा। इनके अलावा हजारों पीएचडीधारक भी हैं जो प्राइवेट नौकरी के लिए भटक रहे हैं। इसको लेकर लगातार सवाल उठते रहते हैं कि इन लोगों को इनकी योग्यता के अनुसार नौकरी भी दिलाई जाए। |
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