तीन महीने में छंट जाएंगे मंदी के बादल! होगी नौकरियों की बहारनई
दिल्ली.
देश के अनिश्चित आर्थिक माहौल और मुद्रास्फीति के दबाव के बावजूद लोगों को बड़ी तादाद में सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरी मिलेगी। देश की अर्थव्यवस्था पर मंडराते खतरे की खबरों के बीच अच्छी खबर भी आ रही है। प्रशासनिक अधिकारियों और बैंकों में खाली हजारों पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है।
केंद्र सरकार अखिल भारतीय सेवाओं में खाली 3400 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रही है। कर्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मामले मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सरकार ने इन रिक्त पदों पर भर्ती के लिए राज्य सरकारों से विचार विमर्श शुरू कर दिया है। आईएएस, आईपीएस और आईएफएस (इंडियन फॉरेस्ट सर्विस) में खाली 3408 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए विचार के लिए इस महीने बैठक होने की उम्मीद है। इन सभी पदों में सबसे अधिक (1777) पद आईएएस के खाली हैं। इसके बाद आईपीएस के 1255 और आईएफएस के 376 पद खाली हैं। बाकी बचे पद प्रोमोशन के जरिये भरे जाने हैं।
उधर, सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में 9500 कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। बैंक का कहना है कि आने वाले वर्षों के दौरान रिटेल बैंकिंग पर मुख्य जोर होगा। बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधुरी ने कहा है कि नए मौकों और चुनौतियों पर नजर बनी हुई है। बैंक की तरफ से इस तथ्य का खुलासा भी किया गया कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान इसके कुल कर्मचारियों की संख्या में 7452 की कमी आई है लेकिन अब बैंक ने फैसला किया है कि बढ़ती जरूरत के मुताबिक 2012-13 के दौरान 9500 क्लर्कों की भर्ती की जाएगी।
उधर, निजी क्षेत्र में भी नौकरियों की कमी नहीं होगी। इन्फो एज इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ हितेश ओबेरॉय ने कहा कि ग्लोबल आर्थिक स्थिति और महंगाई का दबाव इंडिया इंक के लिए सावधानी के संकेत के रूप में काम कर रहा है। आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद, सर्विसेज तथा फाइनेंशियल सेक्टरों की बेहतरी की बदौलत भारत अगले तीन महीनों के दौरान भर्तियों के लिहाज से सबसे आशावादी देश के रूप में उभर कर सामने आया है। ग्लोबल एचआर कंपनी मैनपावर के अनुसार, हायरिंग गतिविधियां सितंबर में समाप्त होने वाली तिमाही तक जोरदार बनी रहेंगी। मैनपावर ने कहा कि प्लस 50 फीसदी का सीजनली एडजस्टेड नेट इंप्लायमेंट आउटलुक संकेत देता है कि भारतीय नियोक्ता सर्वे किए गए 41 देशों एवं क्षेत्रों के बीच सबसे आशावादी नियोक्ता हैं। जून की तिमाही के दौरान कंपनियों के हायरिंग रुझानों को प्रदर्शित करने वाला आउटलुक प्लस 49 फीसदी का रहा था।
भारत भर में मैनपावर द्वारा 5,244 नियोक्ताओं के किए गए सर्वेक्षण ने दिखाया कि खासकर सर्विसेज और फाइनेंशियल सेक्टरों में रिक्रूटमेंट मजबूत रहेगी। लेबर मार्केट में मजूबती का रुझान प्रदर्शित करते हुए देश के सभी चार क्षेत्रों तथा सात इंडस्ट्री सेक्टरों के नियोक्ताओं ने अगले तीन महीनों के लिए सकारात्मक हायरिंग योजनाएं दर्ज कराईं। मैनपावर इंडिया के प्रबंध निदेशक संजय पंडित ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता तथा कुछ हद तक भारत में भी सुस्ती के लक्षण दिखने के बावजूद नियोक्ता भर्ती धारणा सभी सात सेक्टरों में मजबूत बनी हुई है। सर्वे से यह बात निकल कर सामने आई कि नौकरी की सबसे ज्यादा संभावनाएं सर्विसेज सेक्टर में (प्लस 55 फीसदी) हैं, जिसके बाद फाइनेंस इंश्योरेंस और रियल एस्टेट सेक्टर (प्लस 53 फीसदी) के स्थान आते हैं।
केंद्र सरकार अखिल भारतीय सेवाओं में खाली 3400 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रही है। कर्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मामले मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सरकार ने इन रिक्त पदों पर भर्ती के लिए राज्य सरकारों से विचार विमर्श शुरू कर दिया है। आईएएस, आईपीएस और आईएफएस (इंडियन फॉरेस्ट सर्विस) में खाली 3408 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए विचार के लिए इस महीने बैठक होने की उम्मीद है। इन सभी पदों में सबसे अधिक (1777) पद आईएएस के खाली हैं। इसके बाद आईपीएस के 1255 और आईएफएस के 376 पद खाली हैं। बाकी बचे पद प्रोमोशन के जरिये भरे जाने हैं।
उधर, सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में 9500 कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। बैंक का कहना है कि आने वाले वर्षों के दौरान रिटेल बैंकिंग पर मुख्य जोर होगा। बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधुरी ने कहा है कि नए मौकों और चुनौतियों पर नजर बनी हुई है। बैंक की तरफ से इस तथ्य का खुलासा भी किया गया कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान इसके कुल कर्मचारियों की संख्या में 7452 की कमी आई है लेकिन अब बैंक ने फैसला किया है कि बढ़ती जरूरत के मुताबिक 2012-13 के दौरान 9500 क्लर्कों की भर्ती की जाएगी।
उधर, निजी क्षेत्र में भी नौकरियों की कमी नहीं होगी। इन्फो एज इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ हितेश ओबेरॉय ने कहा कि ग्लोबल आर्थिक स्थिति और महंगाई का दबाव इंडिया इंक के लिए सावधानी के संकेत के रूप में काम कर रहा है। आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद, सर्विसेज तथा फाइनेंशियल सेक्टरों की बेहतरी की बदौलत भारत अगले तीन महीनों के दौरान भर्तियों के लिहाज से सबसे आशावादी देश के रूप में उभर कर सामने आया है। ग्लोबल एचआर कंपनी मैनपावर के अनुसार, हायरिंग गतिविधियां सितंबर में समाप्त होने वाली तिमाही तक जोरदार बनी रहेंगी। मैनपावर ने कहा कि प्लस 50 फीसदी का सीजनली एडजस्टेड नेट इंप्लायमेंट आउटलुक संकेत देता है कि भारतीय नियोक्ता सर्वे किए गए 41 देशों एवं क्षेत्रों के बीच सबसे आशावादी नियोक्ता हैं। जून की तिमाही के दौरान कंपनियों के हायरिंग रुझानों को प्रदर्शित करने वाला आउटलुक प्लस 49 फीसदी का रहा था।
भारत भर में मैनपावर द्वारा 5,244 नियोक्ताओं के किए गए सर्वेक्षण ने दिखाया कि खासकर सर्विसेज और फाइनेंशियल सेक्टरों में रिक्रूटमेंट मजबूत रहेगी। लेबर मार्केट में मजूबती का रुझान प्रदर्शित करते हुए देश के सभी चार क्षेत्रों तथा सात इंडस्ट्री सेक्टरों के नियोक्ताओं ने अगले तीन महीनों के लिए सकारात्मक हायरिंग योजनाएं दर्ज कराईं। मैनपावर इंडिया के प्रबंध निदेशक संजय पंडित ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता तथा कुछ हद तक भारत में भी सुस्ती के लक्षण दिखने के बावजूद नियोक्ता भर्ती धारणा सभी सात सेक्टरों में मजबूत बनी हुई है। सर्वे से यह बात निकल कर सामने आई कि नौकरी की सबसे ज्यादा संभावनाएं सर्विसेज सेक्टर में (प्लस 55 फीसदी) हैं, जिसके बाद फाइनेंस इंश्योरेंस और रियल एस्टेट सेक्टर (प्लस 53 फीसदी) के स्थान आते हैं।